स्तनपान: Breastfeeding
Introduction :-माँ का दूध नवजात शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार होता है!
ब्रैस्ट फीडिंग से माँ तथा शिशु के बीच भावनात्मक लगाव बढ़ता है! Benefits of Breastfeeding यह बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत जरूरी है, इसमें वसा, चीनी, पानी और प्रोटीन का अच्छा संतुलन होता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार जन्म से लेकर छह महीने तक बच्चों को स्तनपान जरूर कराना चाहिए। स्तनपान न केवल शिशुओं के लिए बल्कि माताओं के लिए भी कई तरह से फायदेमंद होता है। स्तनपान (Breastfeeding) के अभाव मे प्रतिवर्ष लाखों की मृत्यु हो रही है, इसलिए Properly Breast Feeding कराना चाहिए! इससे कई बच्चों की जान बचाई जा सकती है!
Definition :- माँ द्वारा अपने शिशु को स्तनों का दूध पिलाने की प्रक्रिया स्तनपान Breast Feeding कहलाता है!
माँ द्वारा अपने शिशु को स्तन से आने वाली प्राकृतिक दूध पिलाने की प्रकिया ही एक मात्र Breast Feeding कहलाती है!
स्तनपान के लाभ: Advantage of Breastfeeding
जन्म के बाद शिशु को breast feeding कराने से माँ तथा बच्चे दोनों को लाभ होता है!
Advantage for Infant
- माँ का दूध शिशु के लिए आदर्श दूध होता है!
- जन्म के समय माँ का पहला गाढ़ा पीला दूध कॉलोस्ट्रम कहलाता है, यह दूध नवजात के इम्युनिटी पावर को बढ़ता है!
- माँ का दूध शिशु के लिए आसानी से पचाने वाला होता है!
- माँ के दूध मे सभी पोषक पदार्थ जैसे carbohydrates, protein, fat, vitamins, minerals, water, आदि पर्याप्त मात्रा मे मैजूद होते है!
- Breast feeding कराने से शिशु को diarrhoea तथा vomiting काम होता है, जो की dehydration से बचाव करता है!
- माँ का दूध शिशु के growth और development मे सहायक करता है!
- Breast feeding से माँ ओर बच्चे के बीच स्नेह और प्यार बढ़ता है!
- माँ का दूध हमेशा तैयार और गर्म होता है, ताकि बच्चे को कही भी आसानी से पिलाया जा सकता है!
- माँ का दूध बच्चे को संक्रमण व अलार्जी से बचाता है!
- स्तनपान कराने से माँ और बच्चे दोनों ख़ुश रहते है!
- स्तनपान से शिशु का शरीर का तापमान सामान्य रखने मे मदद करता है!
माँ के लिए लाभ: Breastfeeding Benefits Both Baby and Mother
- यदि माँ अपने शिशु को exclusive breast feeding करवाती है, तो यह ovulation की प्रक्रिया को रोकता है! यह natural contraceptive की तरह कार्य करता है!
- स्थानपान कराने से pph होने की संभावना काम होती है!
- स्तनपान कराने से uterus के involution मे भी मदद करता है!
- स्तनपान कराने से माँ को breast cancer तथा ovarian cancer की risk काम होता है!
- Breast milk आसानी से उपलब्ध होता है, इसमें कोई खर्च नहीं होता है!
- माँ को शिशु के जन्म के आधे घंटे के अंदर स्तनपान करना चाहिए!
स्तनपान के तरीके: Methods of Breastfeeding
स्तनपान करवाते समय उपयुक्त तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए, जिसमे शिशु को पर्याप्त पोषक प्राप्त हो सके!
- सर्वप्रथम माँ को शांत वातावरण मे आरामदायक स्तिथि मे होना चाहिए!
- Feeding कराने से पहले माँ को दूध जूस या पानी पीना चाहिए!
- स्तनपान कराने से पहले माँ को हैंडवाश कर लेना चाहिए, तथा माँ को अपने स्तनों को भी साफ पानी से धो लेना चाहिए!
- शिशु को बारी बारी से 10 – 10 मिन्ट्स दोनों स्तन से feeding करवाना चाहिए!
- जन्म से लेकर लगभग 6 माह तक शिशु को केवल माँ का ही दूध देना चाहिए!
- स्तनपान हरेक 2 घंटे पर करना चाहिए!
- स्तनपान कराने के बाद शिशु को burping दिलाने चाहिए, इसके लिए माँ को शिशु के पीठ को थपथापाना चाहिए, इससे गैस बाहर हो जाता है!
- स्तनपान कराने से पहले स्तन को अच्छे तरह massage करेंगे, ताकि सभी दूध तथा जमा दूध मिक्स हो जाये, शिशु को बाद वाला दूध भी अच्छे से मिल जाये!
- शिशु को स्तनपान demand करने पर करनी चाहिए!
ब्रेस्ट मिल्क कंपोजिशन: Composition of Breast Milk
100 ml माँ के दूध मे 67 kcal energy प्राप्त होता है!
- Protein – 1.2gm
- Lactose- 6.5gm
- Fat-3.5gm
- Calcium – 35 ml gm
- Phosphorus -15 ml gm
- Vitamin c – 2-6 ml gm
माँ द्वारा प्रत्येक दिन लगभग 600 से 700 ml दूध कि आवश्यक होती है!
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